कोरोना का साल(2020) गुजरने वाला है शायद अब ठहरा वक्त भी चलने वाला है। कोरोना का साल(2020) गुजरने वाला है शायद अब ठहरा वक्त भी चलने वाला है।
पर उनकी पलकों पर कोई आँसू ठहरा अच्छा नहीं लगता। पर उनकी पलकों पर कोई आँसू ठहरा अच्छा नहीं लगता।
विश्व विषाद है बन गया ये, हर ओर एक अनिश्चितता है। विश्व विषाद है बन गया ये, हर ओर एक अनिश्चितता है।
या इक तबस्सुम हो इन लबों के जो तेरे ख्यालों से बावस्ता है या इक तबस्सुम हो इन लबों के जो तेरे ख्यालों से बावस्ता है
सब कुछ ठहरा-ठहरा सा है जो जहां है बस वही रुका रुका सा है सब कुछ ठहरा-ठहरा सा है जो जहां है बस वही रुका रुका सा है
वक़्त समंदर... वक़्त समंदर...